आज के शब्द हैं - 'भवन' व 'कोठी' और 'भाषण' व 'व्याख्यान'......
आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्दों को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानिक दष्िट से उनके सूक्ष्म अंतरों का विश्लेषण शब्दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्ट के रूप क्रमश: प्रस्तुत किये जा रहे हैं.........
आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा
49.'भवन' व 'कोठी'......
आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्दों को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानिक दष्िट से उनके सूक्ष्म अंतरों का विश्लेषण शब्दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्ट के रूप क्रमश: प्रस्तुत किये जा रहे हैं.........
आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा
49.'भवन' व 'कोठी'......
Dear Sangya Ji, Aapkae topics acchae hain. Very nice indeed. They are as good as your voice. But we need to see how these articles can go to a common man and created interest in them. I would appreciate that you have covered very very minute differences in your explaination.
ReplyDeleteThanks for sharing.
Best Regards, Avinesh Singh