नेत्रदान-महादान
HANDS (Health And Nature Development Welfare Society) आयोजन
22 मार्च 2015
मेरे माता-पिता 2014 की जनवरी और दिसंबर में एक-एक करके मेरा साथ छोड़ गए, लेकिन आज 4 लोग ऐसे हैं जो उनकी आंखों से देख पा रहे हैं ये जहां और शायद उनकी दुआएँ मुझे लगातार मिल रही हैं, मुझे ऊर्जा प्रदान कर रही हैं, मेरे परिजनों के जाने के दुख को जरा सा कम कर पा रही हैं। ऐसा अहसास हर व्यक्ति महसूस कर सके, रौशनी हर अंधेरे में जी रहे व्यक्ति को मिल सके, लोगों में ये अहसास जगाने का काम कर रही है, बिलासपुर की HANDS (Health And Nature Development Welfare Society) संस्था।
अग्रज नाटय दल के कलाकारों ने 3-4 मिनट की छोटी-छोटी प्रस्तुतियां मंच पर पेश की, कुछ ऐसी घटनाएंँ कथाएँ जो नेत्रदान से जुड़ी हुई थीं और लोगों को अंदर तक झकझोर र्गइं। वहाँ उपस्थित लोगों ने नेत्रदान के फार्म भरे और उस अहसास को महसूस किया कि उनके इस दान से कोई और देख पाएगा इस रंगीन दुनियाँ के नजारे।
HANDS (Health And Nature Development Welfare Society) आयोजन
22 मार्च 2015
- नेत्रदान एक राष्ट्रीय आवश्यकता -
- भारत में दृष्टिहीनों की संख्या: 1.25 करोड़
- नेत्ररोपण से दृष्टि पा सकते हैं: 30 लाख
- प्रति वर्ष 80 लाख मृतकों में से सिर्फ 15 हजार नेत्रदान
- नेत्रदान के लिये उम्र एवं धर्म का कोई संबंध नहीं, चश्मेवाले या माेतियाबिंद आॅपरेशन करवा चुके लोग भी सकते हैं नेत्रदान
- नेत्रदान मृत्यु के 3 से 4 घंटे के अंदर होना चाहिये, असाधारण परिस्थितियों में 6 घंटे तक संभव है
- नेत्रदान करने की इच्छा व्यक्त करने का बेहतर तरीका है, अपने घर के करीब के नेत्र बैंक में शपथपत्र भरें
- शपथपत्र भरने पर एक कार्ड आपको दिया जायेगा जिसमें आपका रजिस्ट्रेशन नंबर होगा, इस कार्ड को हमेशा अपने साथ रखें।
'दो चुटकी राख या दो लोगों को आँख', एक अहसास
कि हमारे अपने तो हमारा साथ छोड़कर चले गए,
लेकिन उनके एक दान से या हमारी जागरूकता से
दो जीवित लोग इस दुनिया के रंग देख सकते हैं।
डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा |
श्रीमती उमा महरोत्रा |
मेरे माता-पिता 2014 की जनवरी और दिसंबर में एक-एक करके मेरा साथ छोड़ गए, लेकिन आज 4 लोग ऐसे हैं जो उनकी आंखों से देख पा रहे हैं ये जहां और शायद उनकी दुआएँ मुझे लगातार मिल रही हैं, मुझे ऊर्जा प्रदान कर रही हैं, मेरे परिजनों के जाने के दुख को जरा सा कम कर पा रही हैं। ऐसा अहसास हर व्यक्ति महसूस कर सके, रौशनी हर अंधेरे में जी रहे व्यक्ति को मिल सके, लोगों में ये अहसास जगाने का काम कर रही है, बिलासपुर की HANDS (Health And Nature Development Welfare Society) संस्था।
15-20 युवा एक साल में बिलासपुर में न के बराबर नेत्रदान करने वाले आंकडे़ को इस स्थिति तक ले आए है कि 29 मार्च को उन्होंने 25 ऐसे परिवारों को सम्मानित किया, जिन्होंने पिछले वर्ष नेत्रदान किया है। छ.ग. के स्वास्थ्य मंत्री माननीय अमर अग्रवाल, कमिश्नर श्री सोनमणि बोरा व महापौर किशोर साहू ने इन नेत्रदान परिवारों को सम्मानित किया। इस अवसर पर नेत्रदान पर आधारित एक लघुफिल्म दिखाई गई व पावर पाइंट प्रेजेन्टेशन से दुर्लभ जानकारियाँ प्रदान भी की गईं।
अग्रज के कलाकारों की प्रस्तुति |
HANDS Group, Bilaspur |
HANDS (Health And Nature Development Welfare Society) BILASPUR (C.G.) Abhishek Vidhani 9827900099 Avinash Ahuja 0803194222
नेत्र दान महादान ,मेरा पूरा समर्थन। … बल्कि कहिये ,नेत्र रोपण ,महा अर्पण !
ReplyDeleteअपनी ही आँखों से देखिये ,जिंदगी से पहले ,और जिंदगी के बाद!
नेत्र दान महादान ,मेरा पूरा समर्थन। … बल्कि कहिये ,नेत्र रोपण ,महा अर्पण !
ReplyDeleteअपनी ही आँखों से देखिये ,जिंदगी से पहले ,और जिंदगी के बाद!