Monday, July 23, 2012

Bolte Vichar 59 Agantuk ke prati vyavhar


बोलते विचार 59

आगन्‍तुक के प्रति व्‍यवहार




 आलेख व स्‍वर 

डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा 



श्रीमान् ‘क’ के घर जाकर आप जब-जब दरवाजे पर लगी घंटी बजाते हैं तब-तब भीतर से कोई व्यक्ति प्रायः बहुत जल्दी बाहर निकल आता है; जबकि श्रीमान् ‘ख’ के यहाँ जाकर घंटी बजाने पर भीतर से किसी को निकलने में हमेशा काफी समय लग जाता है। केवल इतनी सी बात से आप निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि श्रीमान् ‘क’ सुसंस्कृत आदमी है, जब श्रीमान् ‘ख’ कुल मिलाकर अच्छे आदमी नहीं है - ‘क’ में दूसरों के बारे में भी सोच पाने की क्षमता है, जबकि ‘ख’ केवल अपने बारे में सोचना जानते हैं

यदि ‘क’ घर के भीतर किसी जरूरी काम में व्यस्त होंगे, तब भी वे कुछ क्षणों के लिए बाहर आकर या किसी को भेज कर वस्तुस्थिति से अवगत करा देंगे। वे उसे प्रतीक्षा करने के लिए सम्मान पूर्वक बैठा तो सकते ही हैं, उसे उस समय समय न दे पाने की स्थिति में उससे क्षमा भी माँग सकते हैं। इसके विपरीत, ‘ख’ महोदय आगंतुक के देर तक बाहर सूखते रहने की भी परवाह नहीं करते और यह भी नहीं सोच पाते कि वे उसका अपमान कर रहे हैं

‘क’ अपने को ‘समाज का अंग’ मानते हुए यह जानने के लिए उत्सुक रहते हैं कि आगंतुक कौन हैं और क्यों आया होगा। ‘ख’ अपने स्वयंवादी होने का सबूत देते हुए यह सोचते हैं कि बाहर जो भी आया होगा, अपनी ही गरज से आया होगा।

अपने घर के भीतर काम सबको रहते हैं। (आराम करना भी एक काम है) दूसरी ओर, यह भी सच है कि कभी-कभी घर की घंटी बहुत अनचाहे वक्त पर बज उठती है। पर हम इतनी सज्जनता तो दिखा ही सकते हैं दरवाजा खोलकर आगंतुक से सिर्फ एक मीठा बोल बोल दें। हम यह पक्का जान लें कि यदि हमारे घर का दरवाजा खुलने में हमेशा, अपपेक्षित देरी होती है तो समाज में हमारी छवि नीची होती है - लोग हमें स्वार्थी, अहंकारी, घरलिसा और न जाने क्या-क्या मानने लगते हैं। हो सकता है कि हममें से कोई रट्ठ इसका जवाब यह दे डाले कि भाड़ में जाएँ ऐसा मानने वाले,  हमें किसी से क्या लेना-देना। लेकिन इसके बदले हमें यह सुनने को मिल सकता है कि हमें भी समाज से कोई अपेक्षा नहीं रखनी चाहिए और जंगल का रास्ता नाप लेना चाहिये।

हमारे परिचित एक साहब, बल्कि महासाहब, जब तक सेवारत रहे तब तक सबके साथ ऐसा ही रवैया अपनाते रहे, सेवानिवृत्त होने के बाद उनके यहाँ कोई कुत्ता भी मूतने नहीं जाता (अभद्र प्रयोग के लिए क्षमा करेंगे)

Production- Libra Media, Bilaspur, India

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