Wednesday, March 18, 2015

स्वच्छता व प्लास्टिक विरोधी अभियान - लिब्रा वेलफेयर सोसाइटी

संवेदना १५ मार्च 
संवेदना कार्यक्रम के तहत जब  हमारे समूह  के लोग दो बार वृद्धाश्रम गए तो उनके कमरे की खिड़की के पास बदबू के कारण खड़ा होना दूभर हो रहा था.....जब हमने खिडकियों के बाहर देखा तो दिखा कचरे का बड़ा सा अम्बार....सचमुच  सबका मन ख़राब हो गया....उनके स्वास्थ्य की सबको चिंता हुई...आपसी राय  बनी 15 तारीख को सुबह हम सफाई करने के लिए झाड़ू, फावड़ा जैसे ढेर सारे सामान के साथ पहुँच गए डॉ योगी, डॉ.राजेश टंडन, अंशुल प्रशांत, रचिता, लक्ष्मी, मीनू और अभय.
 
हमें इस काम के लिए आया देखकर वहां के बुजुर्गों ने ये काम करने से मना  किया. और बताया कि पार्षद से अनेक बार चर्चा हुई है, वो एक दो दिनों में सफाई करवाने वाले है. एक दादाजी ने तो पार्षद को फ़ोन लगवाकर उनसे हमारी बात भी करवाई. तब तक मैदान में कूद चुके थे हमारे साथी. गन्दगी कुछ ज्यादा ही थी. स्वच्छता अभियान के नगर निगम के कर्मचारी उसी समय गाड़ी और ट्रेक्टर लेकर पहुंचे..पर उनके साथ एक भी लेबर नहीं था..इसलिए बड़ी सी गाड़ी से जितना कूड़ा उठाया जा सकता था उठाकर जा रहे थे, हमने उनसे पूछा इधर गली की सफाई? जवाब मिला वहां गाड़ी नहीं जा सकती और लेबर हमारे साथ रहते नहीं....हमारी समझ में आ गया की स्वच्छ भारत अभियान में सफाई वही हो सकती है जहाँ बड़ी गाड़ी पहुँच सके...हमने पार्षद को फिर से फ़ोन लगाया, उनको ये समस्या भी बताई...उन्होंने  दूसरे दिन पूरी सफाई करवाने का पक्का आश्वासन दिया....हमने भी उस समय आने का वादा किया और बढ़ चले पास के सब्जी बाज़ार की ओर....

              हमारे आज के काम में प्लास्टिक थैलों के विकल्प पुराने कपडे के थैले और अखबार के पैकेट्स बांटकर जागरूकता फैलाना भी शामिल था. ये काम पिछले 2 सालो से किया जा रहा है. सोसाइटी द्वारा पुरानी साड़ियो. और चादरों के थैले और अख़बार के पैकेट्स बनवाए जा रहे हैं, कुछ महिलाओं  को इस काम के लिए रोज़गार भी दिया जा रहा है..

दूसरे दिन  सुबह पार्षद साहिब ने अपना वादा निभाया....बुजुर्गों के चेहरों की  ख़ुशी ने हमको कितना सुकून दिया ये हम शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते....एक बुज़ुर्ग ने हमारे एक सदस्य का हाथ पकड़ लिया और रोने लगे....सिर्फ इतना कह पाए कि हम कितने दिनों से कोशिश कर रहे थे...आपने एक दिन में करवा दिया.....हमको लगा हमारा संवेदना शीर्षक प्रोजेक्ट सार्थक होना शुरू हो चुका है....









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