आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्दों को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानिक दष्िट से उनके सूक्ष्म अंतरों का विश्लेषण शब्दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्ट के रूप में क्रमश: प्रस्तुत किये जा रहे हैं.........
आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक स्वर- संज्ञा
7. 'ईर्ष्या' व 'द्वेष'
8. 'करे' और 'किये'
Baat Nahin Kari"-- Aaj Jana!
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