Monday, January 31, 2011

बोलते शब्‍द 8

आज के शब्द जोड़े हैं ‘कूटना’ और ‘पीटना’ व ‘ख़ान’ और ‘खान’

ये शब्‍दों के जोडे जि‍नको हम पॉडकास्‍ट के रूप में प्रसारि‍त कर रहे हैं, राधाकृष्‍ण प्रकाशन,
दि‍ल्‍ली द्वारा प्रकाशि‍त पुस्‍तक 'मानक हि‍न्‍दी के शुद्ध प्रयोग' के भाग 1  में प्रकाशि‍त हो चुके हैं.......

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक स्‍वर- संज्ञा


15 ‘कूटना’ और ‘पीटना’
‘कूटना’ का मतलब ‘पीटना’ मात्र नहीं है, उसमें टुकड़े टुकड़े करने का भी भाव जुड़ा हुआ है। मुहावरे में कहते हैं ‘कूट-कूट कर भरना’ जिसका अर्थ है किसी पात्र में कोई वस्तु अधिक मात्रा में दबा दबा कर भरना.........






16 ‘ख़ान’ और ‘खान’
‘ख़ान’ साहब को यदि कोई ‘खान’ साहब कह देता है, तो वे चिढ़ जाते हैं। ठीक की तो है। कहाँ ‘बहुत प्रतिष्ठित व्यक्ति, अध्यक्ष, अमीर’ अर्थोंवाला शब्द ‘ख़ान’ और कहाँ ‘खदान’ अर्थ वाला ‘खान’...........

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