Thursday, January 20, 2011

बोलते शब्‍द 7

आज के शब्‍द जोडे हैं- 
'कलकत्‍ता‍' और 'कलकत्‍तेवाली‍' व  'कागजात' और 'बरात' 
ये शब्‍दों के जोडे जि‍नको हम पॉडकास्‍ट के रूप में प्रसारि‍त कर रहे हैं, राधाकृष्‍ण प्रकाशन,
दि‍ल्‍ली द्वारा प्रकाशि‍त पुस्‍तक 'मानक हि‍न्‍दी के शुद्ध प्रयोग' के भाग 1  में प्रकाशि‍त हो चुके हैं.......

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक स्‍वर- संज्ञा

13 'कलकत्‍ता' और 'कलकत्‍तेवाली'
कुछ लोग 'कलकत्‍ता', 'आगरा', 'शि‍मला' जैसे स्‍थान नामों को 'में', 'से', 'तक', इत्‍यादि‍ शब्‍दों के पूर्व 'कलकत्‍ते', 'आगरे', 'शि‍मले' जैसा लि‍ख करते हैं, जो गलत है। ऐसा लि‍खने वाले 'मथुरा' का 'मथुरे', 'कनाडा' का 'कनाडे' और 'सुदामा' का 'सुदामे' नहीं बनाया करते..............आगे सुनें इस पॉडकास्‍ट में




14 'कागजात' और 'बरात'
सावधान.......कागजातों अशुद्ध है। मकानातों और सवालातों भी.......

2 comments:

  1. गणतंत्र दिवस की आपको हार्दिक शुभकामनायें..

    ReplyDelete
  2. गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई !
    http://hamarbilaspur.blogspot.com/2011/01/blog-post_5712.html

    ReplyDelete