Monday, January 17, 2011

बोलते शब्‍द 5

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क‍ दृष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा ........मानक हि‍न्‍दी के शुद्ध प्रयोग भाग 1 पुस्‍तक के पृष्‍ठ 20 से
वाचक स्‍वर- संज्ञा


9. 'करी' और 'तरकारी'




10. 'उलटना' और 'पलटना'

3 comments:

  1. दुहरा रहा हूं, इसके टेक्‍स्‍ट की भी तैयारी करें. यह अत्‍यंत महत्‍वपूर्ण और उपयोगी साबित होगा. ''शब्‍दों का सफर'' पर ऐसी जानकारी आ रही है, जिससे ढेरों पाठक लाभान्वित हो रहे हैं. वेब पर ऐसी जानकारी मेरे देखने में कम ही आई है.

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  2. एक इ-मेल आया है- देखें-
    श्रद्धेय कमल दुबे जी नमस्कार ,

    आपने मुझे हिंदी के विषय में डा. रमेशचन्द्र महरोत्रा के शोध कार्य के सम्बन्ध में कुछ सुचना भेजी मैं इसके लिए आभारी हूँ |
    मैं लगभग १५ वर्षों से कनाडा से 'हिंदी चेतना' नामक पत्रिका का सम्पादन व प्रकाशन कर रहा हूँ | यह एक साहित्यिक पत्रिका है जो विश्व के अनेकों देशों में पढ़ी जाती है | आप इसे ओं लाइन पर भी देख सकते है | पता है :-
    http:// hindi-chetna.blogspot.com
    Or
    http://www.vibhom.com

    आप हिंदी चेतना देखें और मुझे विस्तार पूर्वक अपने मन की बात लिखें | प्रतीक्षा में:-
    श्याम त्रिपाठी प्रमुख सम्पादक हिंदी चेतना

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