बच्चे का 2 से 6 महीने तक का होना
सूत्रधार 1 - रचना धारावाहिक में आगे क्या हुआ होगा तो चलो सुनते है रचना के परिवार में क्या हो रहा है।
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सास - रचना
रचना - जी माँ जी
सास - गोलू की मालिश हो गई
रचना - जी माँ जी
सास - उसे नहला दिया
रचना - जी माँ जी
सास - उसे दूध पिलाया
रचना - जी माँ जी
सास - तूने खाना खाया
रचना - जी माँ जी
सास - वो अतिरिक्त वाला खाना खाया। थोड़ा अधिक खाया कर तुझे अपने और गोलू दोनों का
ख्याल रखना है।
रचना - जी माँ जी
सास - फल वगैरह
रचना - जी माँ जी
सास - जी माँ जी, जी माँ जी - हैं - ला गोलू को मुझे दे।
रचना - जी माँ जी
सास - अले ले गोलू - मेरा गोलू - और तू यहाँ खड़े खड़े क्या कर रही है। जा तैयार हो, ..
और जल्दी तैयार हो।
रचना - जी माँ जी...वो क्यों माँ जी।
सास - क्यों माँजी ? अरे आज कौन सा दिन है।
रचना - मंगलवार।
सास - तो आंगनबाड़ी केन्द्र नहीं जाना है - हैं - आज तो बुलाया गया है ना वहाँ - गोलू को टीका लगना है।
रचना - जी माँ जी
सास - जी माँ जी - सारी बातों का ध्यान मैं ही रखूँ। तुम लोग तो बस..जा जल्दी तैयार होजा।
रचना - जी माँ जी।
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कमला - आओ गौरी काकी, कैसी हो और हमारा गोलू.....वाह वजन तो बढ़ा है इसका।
सास - बढ़ेगा क्यो नहीं - तुमने जो जो बोला था वही किया मैंने ....दिन में 7-8 बार दूध पिलवाती हूँ इसे रचना से और रचना को जो जो तुमने बोला था सब खिलवाती हूँ।
कमला - ऐसा - तो सब खा रही है रचना।
सास - अरे खायेगी कैसे नहीं - एक डाँट लगाऊँगी तो इसका पति भी खायेगा, क्यों रचना।
रचना - जी माँ जी।
सास - तुम तो कमला बस बताती जाओ क्या क्या करना है। बाकी मैं सब संभाल लूंगी।
सुलेखा - आज तो अभी इसे डी.पी.टी. का पहला टीका लगवाना है। गोलू तो डेढ़ माह हो गया है।
रचना - हाँ परसों ही डेढ़ माह पूरे हुये हैं।
कमला - बहुत अच्छा - लाओ गोलू को दो। सुलेखा इसका वजन तो करो और टीका निकालो।
रचना - गोलू को तकलीफ तो नहीं होगी ना - बहुत छोटा है अभी।
सुलेखा - अरे इसे तो पता भी नहीं चलेगा। थोड़ा सा रोएगा जरूर पर परेशानी की बात नहीं है। रही बात इसके छोटे होने की तो सभी बच्चों को डी.पी.टी. का पहला टीका डेढ़ माह की उम्र में ही लगता है। सभी बच्चों को लगता है और सभी को लगवाना भी चाहिये।
सास - लेकिन क्यो इससे क्या होगा।
कमला - इससे गोलू की गलघोंटू, काली खाँसी और टिटनेस की रोकथाम होगी। बहुत जरूरी है ये टीका।
रचना - अच्छा लेकिन बाकी दो टीके कब लगेंगे।
सुलेखा - दूसरा टीका इसे एक माह बाद डाई माह की उम्र में लगेगा और तीसरा टीका तब जब गोलू साढ़े तीन माह का हो जायेगा।
कमला - और रचना भूलना मत, ये टीके बच्चे के स्वास्थ्य के लिये बहुत जरूरी हैं। इसे एक माह बाद ले ही आना।
सास - भूलेगी कैसे-हैं-क्यों रचना भूलेगी तू।
कमला - नहीं माँ जी।
सास - तो कमला - इसे एक महीने बाद - ठीक एक महीने बाद - ढाई माह के गोलू को टीका लगवाने मैं खुद आऊँगी। चलो रचना।
कमला - ठीक है माँ जी । पर इसे सिर्फ दूध ही देना - रचना को अच्छे से खिलाना पिलाना और गोलू को सिर्फ माँ का दूध देना। माँ के दूध में विटामिन ए, प्रोटीन और दूसरी पौष्टिक चीजें होती हैं जो बच्चे को स्वस्थ और मजबूत बनाती हैं।
सुलेखा - हाँ गौरी काकी और बच्चों को जो भी खिलाना चाहो वो माँ को खिलाओ। बच्चा दूध से उन पौष्टिक और अच्छी चीजों को ले लेगा।
सास - ऐसा-चल रचना तू घर चल और आम खा। मुझे गोलू को आम खिलाने की इच्छा हो रही है। चल, जल्दी चल।
रचना - जी मां जी।
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दीनू - कैसा सिर दर्द है माँ।
सास - ठीक है अभी तो हल्का हल्का दर्द है।
दीनू - ये लो दवाई - सुलेखा नर्स ने भेजी है।
सास - अरे मुझे इन गोलियों की जरूरत नहीं है। मैं ऐसे ही ठीक हो जाऊँगी।
दीनू - ऐसा कैसे चलेगा - लो ये गोलियाँ खाओ।
सास - बहुत जिद करता है रे तू - ला दे - पर पहले ये तो बताओ गोलू को वो दूसरा टीका लगा कि नहीं।
दीनू - हाँ लग गया - पर माँ तुम भी - अरे गोलू-रचना का ही ख्याल रखती रहोगी - थोड़ा अपना भी ख्याल करो, आराम किया करो।
रचना - माँ जी आपके पैर दबा दूँ।
सास - पैर में दर्द नहीं है, सर में दर्द है। सर दबा।
रचना - जी।
सास - गोलू रोया तो नहीं टीका लगवाते समय।
रचना - थोड़ा सा रोया था, पर तुरंत ही चुप हो गया था।
सास - हाँ - अब टीके लगाना बहुत जरूरी है। नहीं तो मैं गोलू को जरा भी रोते हुये नहीं देख सकती।
रचना - हाँ माँ जी, नर्स दीदी बता रही थीं कि ये टीके गोलू के लिये बहुत जरूरी हैं।
सास - हाँ - और तू तीसरे टीके का दिन भूलना मत। एक महीने बाद पहले मंगलवार को गोलू को ले जाना। हाँ थोड़ा ऊपर की तरफ दबा - आधे सिर में दर्द है और गोलू कहाँ...है
रचना - अपने पापा के पास।
सास - तो फिर दीनू की आवाज आती ही होगी।
दीनू - रचना ...ए रचना.....गोलू ने फिर मेरे ऊपर सू सू कर दी। जल्दी आओ।
सास - देखा - मैंने कहा था ना आवाज आती होगी। अब पता नहीं गोलू अपने पापा की गोद को क्या समझता है। जा तू जा और सुन- अपना खाना पूरा खाना - वो...अतिरिक्त भोजन.. और फल भी....और मेरे पास वो रामू को भेज दे।
रचना - जी माँ जी...और आप दवाई खा लीजियेगा।
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दीनू - गोलू ......
रचना - अब निकलिये ना आप को देर हो जायेगी।
दीनू - बस एक मिनट - ऐ गोलू...गोलू......गोलू मैं जाऊँ काम पे। वैसे तू बोलेगा नहीं जाऊँ तो नहीं जाऊँगा।
रचना - वो क्या बोलेगा साढ़े तीन महीने का बच्चा। गोलू को मुझे दीजिये और आप काम पर जाइये। काम का नुकसान नहीं होना चाहिये।
दीनू - जा रहा हूँ भई जा रहा हूँ, एक बार और गोलू को..
रचना - बस का समय निकला जा रहा है। आप जाइये ना।
दीनू - बड़ी बेदर्दी से भगा देती हो भई।
रचना - आऽऽऽप जाइये। जाइये ना। माँ आती होगी आज मंगलवार है और गोलू को तीसरा डी..पी.टी का टीका लगवाना है। आती ही होगी माँ जी, आप जाइये ना।
दीनू - जा रहा हूँ - भई जा रहा हूँ - एक बार।
सास - बहू तैयार हो हो गई।
रचना - बस एक मिनट माँ जी।
दीनू - मैं चला।
सास - घंटे भर से तैयार हो रही है। कितना सजेगी संवरेगी। अरे सिनमा विनेमा नहीं चलना है।
आंगनबाड़ी केन्द्र चलना है समझी, जल्दी आ।
रचना - चलिये माँ जी।
सास - चलो....और गोलू को मुझे दे...मैं पाऊँगी उसे....
रचना - जी....माँ जी....लीजिये।
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सास - और मितानिन कैसी हो।
मितानिन - आओ गौरी काकी आओ बिल्कुल समय पर आ गई।
सास - गोलू की सेहत की बात है ना मितानिन।
सुलेखा - ये तो बहुत अच्छी बात है और रचना इस बीच गोलू को कोई परेशानी तो नहीं हुई।
रचना - नहीं नर्स दीदी।
सुलेखा - तब ठीक है - आओ पहले गोलू का वजन कर लें।
रचना - अब की बार तो आखिरी टीका लगेगा ना।
सुलेखा - डी.पी.टी. का आखिरी टीका है साथ में इसे पोलियो से बचने के लिये दवा की खुराक भी लेकिन आओ एक टीका इसे 9 माह की उम्र में और लगेगा।
सास - वो किस चीज के लिये।
सुलेखा - खसरा - खसरे से बचाव का टीका - जो इसे करीब साढ़े पाँच महीने बाद 9 महीने के बाद लगेगा। चलो अंदर चलो इसे डी.पी.टी. का आखिरी टीका और पोलियो की खुराक दे दें।
मितानिन - और सुनाओ गौरी काकी गोलू ने तो आपको व्यस्त कर दिया होगा।
सास - हाँ पूरे घर को दौड़ा रखा है गोलू ने - दीनू तो काम पर जाने से बचता है सिर्फ गोलू के साथ खेलने के लिए और मैं मैं तो....................
कमला - नमस्ते गौरी काकी कब आई
सास - अभी थोड़ी देर हुई है
कमला - गोलू को तीसरा टीका लग रहा है... अच्छा है
सास - हाँ देखो हमने बराबर समय पर गोलू को टीका लगवाया
कमला - ठीक किया- आपने सुना है फूलकुंवर ने अपने बच्चे को टीका लगवाने से मना कर दिया- न जाने किसने कान भर दिए वैसे मैं जाऊँगी उसके पास समझाने-खैर तुम्हारा गोलू तो गलाघोंटू, कालीखाँसी और टिटनस से सुरक्षित रहेगा ( बच्चे के रोने की आवाज़)
सुलेखा - अले ले ले चलो ठीक हो जाएगा बस बस............
सास - लो लग गया टीका गोलू को
मितानिन - हाँ बहुत सी बीमारियों से सुरक्षित हो गया आप का गोलू
कमला - आओ रचना - तुम्हारे क्या हाल है खाना खुद से खा लेती हो कि गौरी काकी की डाँट सुन के खाती हो
रचना - जी जी
सास - नहीं अब डाँट खाए बिना भी अच्छे से खा लेती है। मैं भी सोच रही थी डाँट ज्यादा खा लेगी तो खाना ज्यादा नही खा पाएगी सो मैंने भी इसे डाँटना कम कर दिया है - बस मन बहलाव के लिए डाँट लेती हूँ इसे
कमला - अच्छा रचना दलिया तो रोज़ खा रही हो ना
रचना - जी दीदी
मितानिन - हाँ दलिया बिल्कुल बंद मत करना और गौरी काकी आप ध्यान रखना कि दलिया सिर्फ रचना ही खाए और कोई इसे ना खाए।
सास - हाँ हाँ कमला पहले बता चुकी है घर में और कोई दलिया नहीं खाता सिर्फ रचना के लिए ही दलिया बनता है
कमला - ये जरुरी भी है गौरी काकी - तुमने तो वो नारा सुना ही होगा
सास- कौन सा नारा,
कमला- दलिया नहीं दवाई है, दूध की मलाई है।
सास- हाँ-हाँ
मितानिन- सच में दलिया दवाई है जो बच्चों के लिए और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए जरूरी है।
कमला- इसमें प्रोटीन होता है और धात्री के कमजोरी को भी दूर करता है उसके लिए आवश्यक
दूध बनाने में भी सहायक होता है।
सास- हाँ रे, यहाँ सिर्फ रचना को ही दूध खिलाया जाता है।
मितानिन- ये तो अच्छी बात है पर यहाँ तो सभी परिवार इसका उपयोग करते है कुछ लोग तो इसे आटा बनवा लेते है।
कमला- अब ये नहीं चलेगा मितानिन, क्योंकि अब दलिया पिसा कर आटा बनवानें पर दण्ड का
प्रावधान किया जा रहा है, पिसाने वाले और पिसने वाले दोनों ही दण्डित होंगे।
मितानिन- ऐसा
कमला- हाँ, 150 सौ से लेकर 200 तक जुर्माना भी हो सकता है। ग्राम पंचायत में ये प्रस्ताव करवाया जा रहा है,
सास- जिसके लिए जो चीज जरूरी है, वही खाये बाकी कोई क्यूं खाये।
कमला- हाँ लेकिन आप अपने बहू के लिए दलिया जरूर ले जाना और पहले की तरह इसे बराबर
सास- बराबर -बराबर हिस्सों में बाँट कर रोज रचना को खिलाना ठीक
कमला,सास- हा.....हा..हा...हा..हा
मितानिन- कहाँ चली गौरी काकी
सास- रचना की दवाई या यूँ कहो मलाई लेने।
सार्थक पॉडकास्ट,
ReplyDeleteअन्य कार्यक्रम में व्यस्त रहने के कारण सिमगा वाले कार्यक्रम में पहुंच नही पाए, अशोक भाई ने सूचना दी थी।
फ़िर कभी दर्शन लाभ प्राप्त करेंगे।
आभार