Wednesday, December 15, 2010

रेडियो धारावाहिक रचना - 8

एपिसोड नंबर 8
अन्नप्राशन
रचना नाटिका के सातवें एपिसोड में आपने सुना कि चना के बच्चे गोलू को डी.पी.टी. के तीनों टीके, बी.सी.जी. का टीका लग गया और खसरे का टीका नवमें महिने में लगेगा। लेकिन गोलू हुआ है अभी 6 महीने का और अब तक सिर्फ माँ का दूध पी रहा है। और आज हो रहा है गोलू का अन्नप्राशन और आज से गोलू का अन्न खाना शुरू होगा। गोलू के जीवन में एक नयापन और एक नया एहसास, अब उसको नये-नये स्वाद मिलेंगे और ढ़र सारे पोषक तत्व जो उसके विकास के लिए अब बेहद जरूरी है, तो चलें गोलू के अन्नप्राशन पर।

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सास -    रचना, दीनू अभी तक दीदी को लेकर नहीं आया - बस तो आ चुकी होगी।
रचना -   आते होंगे, बस कभी कभी लेट भी तो हो जाती है।
सास -    सुसरी बस को आज ही लेट होना था। एक तो तेरी शादी के बाद अब आ रही है मेरी दीदी, तेरी मौसी सास, उनसे मिलने की बहुत इच्छा हो रही है। कुछ आवाज आई.....देख तो आ गये क्या?
रचना -    आते ही होंगे माँजी, थोड़ा इंतजार ही तो करना है।
सास -    अरे इस इंतजार ने तो परेशान कर दिया । दीनू को गये इतनी देर हो गई, ला गोलू को दे टाइम पास हो जायेगा।
रचना -   गोलू अभी सो रहा है माँ आप आप मुझे डाँट कर टाईम पास लीजिये, गोलू को अभी सोने देते है ।
सास -    अभी मेरा मूड अच्छा नहीं है तुझे डाँटने की इच्छा नहीं हो रही है -वैसे तू ठीक कह रही है रचना गोलू को सोने दे। अन्नप्राशन के समय इसे काफी देर तक लोग जगा के रखेंगें-पर देख तू इसे बीच-बीच मे समय पर दूध पिलाते रहना बहुत जरूरी है ।
रचना -    जी माँ जी -अब आ गए शायद -हाँ - वही है माँजी आपकी दीदी आ गई -मासी सास आ गई।
सास-      आओ -दीदी -कब से इंतजार कर रही हूँ आपका -रचना चल पैर छू इसके बहुत इंतजार करवाया -
रचना-    पाँव लागू मासी
सास की दीदी -क्या बताऊँ गौरी -बस पंच्चर हो गई थी।
सास-       ये मुई बस भी तभी खराब होती है जब उसमें मेरा कोई रिश्तेदार आ रहा होता है। ये सब छोड़ो पहले ये बताओ कि दीदी को पानी वानी पिलाओगी कि नहीं।
सास-       क्यों नहीं दीदी - रामू रामू ए रामू
रामू -       जी -
सास-       अरे दीदी को शर्बत पिलाओ -जल्दी अरे शर्बत नहीं सिर्फ पानी - और रामू ।
मासी -      मटके का पानी मत देना - वैसे ही गला कुछ ठीक नहीं है और गोलू कहाँ है उसको जी भर के देख तो लूँ ।
सास -   उसकी पैदाइश मे तो तुम नही आ पाई थी ।
रामू -    लाजिए पानी
मासी-    लाओ बेटा जुग जुग जियो ,,,,,,,,,,,,,,,,,वाह,,,,,,,, अपना गोलू तो बहुत संुदर है, बिल्कुल दीनू पर गया है ।
सास -   मुझे तो रचना के समान दिखता है हो सकता पर नाक तो दीनू की ही है।
सासी -  अच्छा ये बताओ कार्यक्रम क्या है......मैं तो गोलू के अन्नप्राशन के लिये चाँदी की कटोरी 
और चम्मच लाई हूँ ।
सास-       ऐसा - वैसे कार्यक्रम कुछ खास नहीं रखा है....इसकी छठी मे तो गाँव भर को बुलाया था मुँह जुठाई में हम घर वाले ही हैं......और वो आंगनबाड़ी वाली कमला मितानिन और दो-चार लोग ही रहेंगे।
मासी -    दीदी - तैयारियाँ पूरी हो गई हो गईं ?
सास -    हो गई तैयारियाँ पूरी हैं....गोलू के 6 महीने पूरे होने का इंतजार था सो खत्म हुआ।
दीनू -     इस पाँच तारीख को ही 6 महीने पूरे हुये हैं गोलू के और आज का मुहूर्त निकला है और मासी जी आप का सामान ऊपर के कमरे मे रख दिया है। अरे रामू मासी जी को चाय पानी करवाया।
रामू -     चाय चढ़ गई है बस ला रहा हूँ ।
पति -     हाँ जल्दी ला ।
मासी -     कोई जल्दी नहीं है - गोलू को नहला धुला कर तैयार करो -मैं भी स्नान ध्यान कर लू चाय बाद में ले लूँगी - चल रामू मुझे मेरे कमरे मे ले चल ।
-    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -    -

कमला -     हाँ गौरी काकी - खीर ही खिला ही खिलाओ गोलू को पर अच्छी तरह मथी मसली हो
और बस एक चम्मच ही उसके लिये.....................
मितानिन - और जिनसे खिलाओगे गोलू को वो बर्तन अच्छे साफ होने चाहिए..........
सास-     हाँ .............हाँ.............गोलू तो चाँदी के बर्तन में खाना खाने वाला है.......मेरी दीदी उसके लिये चाँदी की कटोरी और चम्मच लाई हैं............बहुत महंगे होते है चाँदी के बर्तन
मितानिन-     बस उन्हे अच्छे से साफ करवा लीजियेगा।
रचना -     लीजिये मासी गोलू को - नहला घुला कर तैयार कर दिया है ।
मासी -     अरे इसे नजर ना लगे - कितना प्यारा और स्वस्थ है ।
कमला -     ये सब गौरी काकी के कारण है - उन्होने गोलू को सभी टीके समय पर लगवाए उसक खूब ख्याल रखा रचना को पौष्टिक आहार दिया जिससे गोलू को पौष्टिक दूध सही मात्रा में लगातार मिलता रहा ..............
मितानिन - इसलिये गोलू सुन्दर होने के साथ-साथ स्वस्थ और मस्त है।
कमला -     हाँ- और बेचारी फुलकुँवर को देखो ।
मितानिन - काहे की बेचारी......... बेवकूफ है वो................
सास -     क्यों क्या हुआ उसको
कमला -     उसे कुछ नहीं हुआ उसके बच्चे को हुआ है ।
रचना -     क्या हुआ छोटू को ?
कमला -     ढेर सारी बीमारियाँ हो गई हैं उसे सीरियस है...............अस्पाताल ले गए हैं वैसे रचना मुश्किल है
रचना -      हे भगवान...................
मासी  -     कितना बड़ा है छोटू
रचना -     गोलू के बराबर ही है करीब- करीब 8-10 दिन का अंतर है......पर वो थोड़ा कमजोर था
मासी -     क्यों माँ ने खान-पान पर ध्यान नहीं दिया क्या।
कमला -     खान-पान पे ध्यान - अरे उसने उस समय आयरन गोलियाँ तक नहीं खाई - माँ और
               सुलेखा नर्स इतना उसको बोलते रहे पर नहीं मानी ।
मासी -     घर वालों ने उसे समझाया नहीं।
कमला -    अरे घर में हमारी गौरी काकी जैसी सास कहाँ होती है-भले ऊपर से कठोर हो पर रचना
           का पूरा ख्याल इन्होने रखा सब चीजे समय पर करवाती रहीं।
मितानिन -  फुलकुंवर ने तो डी.टी.पी. वाले टीके भी छोटू को अभी तक नहीं लगवाए।
मासी -     तभी - तभी वो बच्चा बीमार हुआ टीके तो बहुत जरूरी हैं बच्चे के लिये इससे बहुत से
बीमारियों की रोकथाम होती है टीके तो बच्चे को लगवाने थे, फुलकुंवर ने गलत किया ।
कमला -     ऊपर से पैसे जोड़े नहीं थे - अब जरूरत पड़ी तो महाजन से ऊँचे ब्याज पर पैसे उठा लिये - वो कर्जा चढ़ा सो अलग ,,,,,
मासी -     क्यों महाजन से पैसे ब्याज पर क्यों लिये यहाँ स्वसहायता समूह नहीं है क्या
मितानिन -     है -- बिल्कुल हैं
मासी -     तो वहाँ से क्यों सहायता नहीं ली ।
कमला -    वो सदस्य ही नहीं बनी कितना समझाया उसे पर नहीं मानी ।
मासी -     क्यों गौरी तू तो स्व सहायता समूह में है ना ।
सास -     हाँ, शुरू से सदस्य हूँ , हम बारह महिलाओ का समूह है हर महीने 40 रूपये जमा करते
हैं हम ।
मितानिन - लोग पैसे जोड़ कर बैंक में जमा करवा रहे है और जब किसी सदस्य को जरूरत हो तो उसे कम ब्याज पर उधार दे देते है 13000 जमा हो चुके है इनके ।
मासी -     ये तो बहुत अच्छा है गौरी और रचना को इससे जोड़ा कि नही ।
सास -     अब तो फुर्सत मिली है बेचारी को - गोलू का अन्नप्राशन आज हुआ और कल रचना को
इसका सदस्य बनवाती हूँ ।
रामू-      ये रही कटोरी और ये रही चम्मच, और ये है मथी, मसली खीर।
मासी -    लाओ भई लाओ - गोलू को माँ की गोद मे बिठाओ और गौरी तुम अपने हाथों से गोलू
को मुँह जूठा कराओ ।
कमला -   लो आज गोलू ने पहली बार अन्न चखा 6 माह बाद, पूरे सातवें महीने में ।
सास -     कितना खुश हो रहा है, और चाहिये ले.......थोड़ा और ले......बढ़िया .......बहुत बढ़िया।
रामू -     सब तैयार है - ये रही कटोरी और ये चम्मच और ये रही मथी मसली खीर ।
दीनू -    मेरे पास आ - अरे - वाह ये तो मुस्कुरा रहा है - शायद समझ गया कि ऐ-ऐ फिर सू 
         सू कर दिया ।
सास -   हाँ- समझ गया कि तेरी गोद में है - दीदी पता नहीं ये अपने बाप की गोद को क्या
         समझता है - दीनू के पास गया नहीं कि सूसू कर देता है - रचना सूखी-साफ लंगोटी
         ला - लंगोटी बदल दे इसकी ।
कमला -  अब से रोज गोलू को ऊपरी आहार देना - लेकिन पहले रचना दूध पिलाए - फिर उससे
बाद अच्छे से हाथ धोकर कटोरी चम्मच से केला -चावल दाल कुछ भी अच्छे से मथ कर मसल कर गोलू को खिलाना ।
मितानिन - और उसको एक चम्मच तेल डालना मत भूलना ।
कमला -  हाँ - चिकनाई भी जरूरी है अब गोलू के लिये और याद रहे अब उसका वजन अगले महीने तक 500 ग्राम बढ़ जाना चाहिये ।
मासी -   और भगवान ना करे अगर हल्का - फुल्का बीमार पड जाए गोलू तो, स्तनपान जारी
         रखना - तरल भोजन देते रहना और बीमारी के बाद ज्यादा दूध पिलवाना ।
दीनू -   और भी क्या हाल है रचना सब समझ ले, यहाँ कई अच्छे सलाहकार बैठे है सारी बातें अच्छे से समझ ले......।
सास -  और तू भी अच्छे से एक बात समझ ले ।
दीनू -  क्या ?
सास -  तू इसे बड़ा होने तक गोद मे मत लेना ।
दीनू -  क्यों
सास -  ये तेरी गोद का.............समझता है - उठाएगा तो तेरी गोद मे सुसु कर देगा ।

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