ॐ ज्योति कलश हैं पापा ! हम सबके लिए , शुध्ध हिन्दी की ध्वजा को गौरव सहित पैसों को पूजनेवाली फ़िल्मी दुनिया में फहरानेवाले उनकी ज्योति आज भी प्रज्वलित है जब् आप से सुधि आत्मीय जन उन्हें इतनी श्रध्धा से स्मरण करतें हैं ..और मैं धन्य हूँ की उनके पवित्र तन से मेरा निर्माण हुआ . परम सौभाग्यशाली हूँ न? कवि मनीषी , सद्गृहस्थ योगी थे मेरे पापा हैं पण्डित नरेंद्र शर्मा उनका गीत ' ज्योति कलश छलके ' हिन्दी दिवस पर सुनवाने का धन्यवाद ! मैं भी नत मस्तक हूँ -- हिन्दी को अंतरराष्ट्र्रीय मंच पर स्थापित करना ही है http://www.lavanyashah.com/2011/09/blog-post.html स स्नेह , सादर - लावण्या
अच्छे और सुरीले गीतों की प्रस्तुति के लिए आभार......
ReplyDeleteहिंदी दिवस की शुभकामनाएं....
''निज भाषा उन्नति अहै, सब भाषा को मूल ।
बिनु निज भाषा ज्ञान के, मिटै न हिय को शूल ॥''
— भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
हिंदी दिवस की शुभकामनाएं....
ReplyDeleteॐ
ReplyDeleteज्योति कलश हैं पापा !
हम सबके लिए ,
शुध्ध हिन्दी की ध्वजा को गौरव सहित पैसों को पूजनेवाली फ़िल्मी दुनिया में फहरानेवाले
उनकी ज्योति आज भी प्रज्वलित है
जब् आप से सुधि आत्मीय जन उन्हें इतनी श्रध्धा से स्मरण करतें हैं
..और मैं धन्य हूँ की उनके पवित्र तन से मेरा निर्माण हुआ . परम सौभाग्यशाली हूँ न?
कवि मनीषी , सद्गृहस्थ योगी थे मेरे पापा हैं पण्डित नरेंद्र शर्मा
उनका गीत ' ज्योति कलश छलके ' हिन्दी दिवस पर सुनवाने का धन्यवाद !
मैं भी नत मस्तक हूँ --
हिन्दी को अंतरराष्ट्र्रीय मंच पर स्थापित करना ही है
http://www.lavanyashah.com/2011/09/blog-post.html
स स्नेह , सादर
- लावण्या
धन्यवाद आप सभी को..
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