बोलते विचार 61
अंतिम तिथि और अनुशासन
आलेख- डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
स्वर - संज्ञा टंडन
स्वर - संज्ञा टंडन
किसी भी तरह के आवेदन आदि की पहुँच के लिए ‘अंतिम तिथि’ क्यों दी जाती है ? आप हँस सकते हैं कि वह भी कोई सवाल है। क्योंकि इसका जवाब हर आदमी जानता है। ठीक है, अंतिम तिथि इसलिए दी जाती है कि उसके बाद प्राप्त होने वाले आवेदनों पर विचार नहीं किया जायेगा। इसी प्रकार यदि किसी प्रवेश या परीक्षा या नौकरी के लिए आवेदनकर्ता की उम्र दी गई तिथि तक निर्धारित किए गए वर्षों से अधिक नहीं होनी चाहिए तो उस तिथि तक उम्र एक दिन भी अधिक हो जाने से आवेदनकर्ता प्रवेश या परीक्षा या नौकरी के लिए अपात्र हो जाता है, यह भी ठीक है।
लेकिन कभी-कभी नासमझ लोग कुतर्क और जिद करने लगते हैं कि एक-दो दिनों से कोई फर्क नहीं पड़ता हे। वे गलत ही नहीं, भयंकर रूप से गलत होते हैं; क्योंकि वे अपने स्वार्थ के लिए समूची व्यवस्था में छेद करने वाले होते हैं।
ऐसे मामलों में नियम भंग करने की कोशिश करने वालों के लिए शिथिलता बरतना उनकी सड़ी आदत को बढ़ावा देना और नियम से चलने वालों के साथ अन्याय करना है। पक्षपात किसी के भी प्रति किस किया गया हो, वह पक्षपात करने वाले की कमजोरी और ओछापन ही होता है। यदि, मान लिया, आपने किसी एक को अंतिम तिथि के बाद दो दिनों की छूट दे दी, तो अंतिम तिथि उन दो दिनों के बाद की हो गई और दूसरे लोगों को उस तिथि के आगे के दो दिनों की छूट लेने का हक हो गया। यदि आप परीक्षा भवन में घुसने के लिए दस मिनट विलंब से आने वाले परीक्षार्थी को अनुमति दे देते हैं तो बारह मिनट विलंब से आने वाले को क्यों नहीं देंगे ? यदि आप निर्धारित अधिकतम वर्षों से चार दिन अधिक उम्र वाले व्यक्ति का आवेदन स्वीकार कर लेते हैं तो पाँच दिन अधिक उम्र वाले का आवेदन स्वीकार क्यों नहीं करेंगे ? यदि आप उसका भी आवेदन स्वीकार कर लेते हैं तो छह दिन अधिक उम्रवाले का आवेदन स्वीकार क्यों नहीं करेंगे? इस तरह छूट को बढ़ाने की सीमा के लिए कोई भी तर्क संगत नहीं हो सकता।
अंतिम तिथि और निर्धारित उम्र आदि से संबंधित शर्त पूरी न करने वाला व्यक्ति चाहे कितने भी सही-गलत कारण बताए, गलती सिर्फ उसकी होती है। उसकी व्यक्तिगत गलती के कारण आप उससे बहुत ज्यादा बड़ी सामाजिक गलती मत कीजिए। ऐसी स्थिति में सख्ती बरतना ही एक मात्र सही रास्ता है, वरना नियम और अनुशासन का कोई अर्थ नहीं है।
Production-Libra Media Group, Bilaspur, India
महरोत्रा जी नमस्कार...
ReplyDeleteआपके ब्लॉग 'सीजी स्वर' से लेख भास्कर भूमि में प्रकाशित किए जा रहे है। आज 30 जुलाई को 'अंतिम तिथि और अनुशासन' शीर्षक के लेख को प्रकाशित किया गया है। इसे पढऩे के लिए bhaskarbhumi.com में जाकर ई पेपर में पेज नं. 8 ब्लॉगरी में देख सकते है।
धन्यवाद
फीचर प्रभारी
नीति श्रीवास्तव