Thursday, April 28, 2011

bolte shabd 24 Dr.Ramesh Chandra Mehrotra

आज के शब्‍द हैं - 'बेगम' व 'बेग़म' और 'बीबी' व 'बेवा'......

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा



47. 'बेगम' व 'बेग़म'......

48. 'बीबी' व 'बेवा'......





Tuesday, April 26, 2011

छत्तीसगढ़ की गायक प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कमज़ोर क्यो.....उस्ताद आरिफ तनवीर से बातचीत

छत्तीसगढ़ अंचल के प्रतिभाशाली कलाकार अपना असर राष्ट्रीय स्तर तक उस संख्या में नहीं जमा पा रहे हैं जिसके वे हकदार हैं। क्या उनकी प्रतिभा में कमी है या उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है या फिर भेदभाव की नीति राष्ट्रीय चैनलों में रिएलिटी शोज़ या फिर कॉम्पटिशन में छत्तीसगढ़ के कलाकारों को नहीं पहुंचने दे रही है।
पद्मविभूषण उस्ताद अली अकबर साहब
दिल्ली घराने के उस्ताद आरिफ तनवीर संगीत के विविध रूपों को अपनी गायकी में शामिल किये हुए हैं। शास्त्रीय और उपशास्त्रीय गायन को हर रेंज में गाने की क्षमता रखते हैं। खयाल, ठुमरी, तराना, दादरा, ग़ज़ल, भजन गायकी में अपना मुकाम बना चुके हैं। इनके पिता हिफ्जुल कबीर उस्ताद अलाउद्दीन खान संगीत सम्मान से सम्मानित हैं। अपने पिता से प्रांभिक गायकी का ज्ञान अर्जित करने वाले आरिफ तनवीर को पद्मविभूषण उस्ताद अली अकबर साहब से भी संगीत शिक्षा लेने का गौरव प्राप्त है। पीढ़ियों से संगीत की विरासत को सहेजने वाले उस्ताद आरिफ म्यूज़िक थेरेपी यानि संगीत चिकित्सा पर काफी दिनों से काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि नाड़ियों का स्वर से, श्रुतियों का धमनियों से और लय का नब्ज़ से संबंध होता है। जिस तरह ये तीनें आयुर्वेदिक चिकित्सा का आधार होते हैं, उसी तरह बीमारी का इलाज संगीत से संभव है। बचपन से ढेरों पुरस्कारों के विजेता रहे उस्ताद आरिफ पिछले 15 वर्षों से संगीत के क्षेत्र में अनेकानेक आयोजनों व महोत्सवों में भारत व विदेशों में अपनी सफल प्रस्तुतियों देते आ रहे हैं पुरस्कारों व सम्मानों से सम्मानित होते आ रहे हैं। साथ ही अंचल के बच्चों को संगीत में महारथ हासिल करवाने की दिशा में दिल-ओ-जान से जुटे हुए हैं। उनके सिखाये हुए नन्हें बच्चे एक अलग ही आत्मविश्वास और संगीत की पारंगतता के साथ विभिन्न मंचों पर प्रस्तुत होते दिखाई पड़ने लगे हैं। 
ज़ी टीवी सा रे गा मा पा के लिये बच्चों को छांटने की कठिन प्रक्रिया का निर्वहन करने के लिये उन्हें जमशेदपुर आमंत्रित किया गया, वहां से लौटकर आए उस्ताद से हमने जानना चाहा छत्तीसगढ़ के प्रतिभावान कलाकार राष्टीय स्तर की प्रतियोगिताओं में इतनी कम संख्या में क्यों पहुंच पा रहे हैं, क्या कमी है, क्या ज़रूरतें हैं और आगे क्या संभावनाएं हैं तो उन्होंने इस बारे में हमसे विस्तृत चर्चा की और यही बातचीत हम आपको सुनवा रहे हैं आज इस पॉडकास्ट पर.......

Ek batcheet Ustad Arif Tanveer Kabeer ke saath

Contact  Information of  Ustad Arif Tanveer
Phone :  9098166898
Email  :   ustadariftanveer@gmail.com

Thursday, April 14, 2011

Bolte Shabd 23 Dr.Ramesh Chandra Mehrotra

आज के शब्‍द हैं - 'बाई' व 'लक्ष्‍मीबाई‍' और 'बावजूद' व 'दरअसल'......

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा



45. 'बाई' व 'लक्ष्‍मीबाई‍'......



46. 'बावजूद' व 'दरअसल'......


Wednesday, April 13, 2011

सीजीस्‍वर पर 50 पोस्‍ट का लेखा जोखा


सीजीस्‍वर की तरफ से आपको सादर अभि‍वादन,
ऑडि‍यो ब्‍लॉग सीजीस्‍वर को हमने पॉडकास्‍ि‍टंग, रेडि‍यो, ऑडि‍यो, बोलते शब्‍द और स्‍ि‍क्रप्‍ट के रूप में वर्गीकृत कि‍या है। जि‍समें......
पॉडकास्‍ि‍टंग के अंतर्गत कुछ रि‍पोर्ट् स, कुछ जानकारि‍यां ऑडि‍यो व लि‍खि‍त रूप में देने के प्रयास होते हैं......  
रेडि‍यो क्रम में कि‍सी भी केन्‍द्र से प्रसारि‍त हमारे संस्‍थान लि‍बरा मीडि‍या ग्रुप द्वारा नि‍र्मि‍त या अन्‍य कार्यक्रमों की ऑफलाइन रि‍कॉर्डिग शामि‍ल की जाती हैं.......
ऑडि‍यो क्रम में कि‍सी वि‍षय, त्‍योहार या शब्‍द पर आधारि‍त जानकारि‍यों के साथ गीतों का समावेश कर कार्यक्रम बनाने का एक प्रयास होता है......
बोलते शब्‍द क्रम हि‍न्‍दी के दो एक जैसे शब्‍दों के अंतर को ऑडि‍यो स्‍वरूप में प्रस्‍तुत करने की एक श्रृंखला है। ये शब्‍द जोड़े भाषावि‍द् डॉ;रमेश चंद्र महरोत्रा की 'मानक हि‍न्‍दी के शुद्ध प्रयोग' नामक पुस्‍तक के अंश हैं.......
स्‍ि‍क्रप्‍ट क्रम के अंतर्गत हमने अभी काम शुरू नहीं कि‍या है...इसमें हमारे संस्‍थान से रेडि‍यो, दूरदर्शन व रंगमंच के लि‍ये प्रसारि‍त या मंचि‍त हो चुकी स्‍ि‍क्रप्‍ट्स प्रकाशि‍त की जायेंगी.....

हमारे ऑडि‍यो ब्‍लॉग सीजीस्‍वर पर प्रकाशि‍त अब तक 50 पोस्‍ट का ब्‍यौरा- 

पॉडकास्‍ि‍टंग
पॉडकास्‍ि‍टंग क्‍या है.....
बि‍लासपुर - इति‍हास के झरोखे से 
छत्‍तीसगढी लोकधुन पहली बार फि‍ल्‍मों में 
छत्‍तीसगढी की 100 साल पुरानी रि‍कॉर्डि‍ग 
एक उदघोषक की नज़र से श्रोता दि‍वस 
गुजरा हुआ ज़माना्....सीलोन के उदघोषकों के साथ हम 
कूडि‍याट्टम- केरल की प्राचीन कला से रूबरू   
काव्‍यभारती और 2000 गीतों के प्रणेता मनीष दत्‍त 


रेडि‍यो
रेडि‍यो धारावाहि‍क रचना भाग 1
रचना भाग 2
रचना भाग 3 
रचाना भाग 4 
रचना भाग 5 
रचना भाग 6 
रचना भाग 7
रचना भाग 8
रचना भाग 9 
शि‍शु एवं मात़ृत्‍व कल्‍याण पर आधारि‍त रचना धारावाहि‍क की ऑडि‍यो संक्षिप्‍ि‍तका 
बांस गीत संरक्षण व बीबीसी रि‍पोर्ट 

ऑडि‍यो 
बातों और गीतों का सफ़र - बचपन 
बातों और गीतों का सफ़र - चांद 
बातों और गीतों का सफ़र - दीपावली
बातों और गीतों का सफ़र - बालदि‍वस 
बातों और गीतों का सफ़र - सुगंध 
बातों और गीतों का सफर - मेंहदी 
बातों और गीतों का सफ़र - सपने 
बातों और गीतों का सफ़र - पतंग 
बातों और गीतों का सफ़र - बसंत  
बातों और गीतों का सफ़र - शहीद दि‍वस 


बोलते शब्‍द 
बोलते शब्‍द 1 - आमंत्रण व नि‍मंत्रण और आचरण व चरि‍त्र
बोलते शब्‍द 2 - गि‍रना व ढहना और अधि‍कांश व अधि‍कतर 
बोलते शब्‍द 3 - अफ़वाह व कि‍वदंती और अभि‍ज्ञ व अनभि‍ज्ञ  
बोलते शब्‍द 4 - ईर्ष्‍या व द्वेष और करे व कि‍ये
बोलते शब्‍द 5 - करी व तरकारी और उलटना व पलटना 
बोलते शब्‍द 6 - आदि‍ व इत्‍यादि‍ और एकाएक व एकोएक 
बोलते शब्‍द 7 - कलकत्‍ता व कलकत्‍तेवाली और काग़ज़ात व बारात 
बोलते शब्‍द 8 - कूटना व पीटना और खान व ख़ान  
बोलते शब्‍द 9 - ग्रह व गृह और ग्रहण व प्राप्‍त  
बोलते शब्‍द 10 - गेंद व बल्‍ला और जूता व चप्‍पल
बोलते शब्‍द 11 - चि‍ट्ठा व चि‍ट और चूड़ा व जूड़ा
बोलते शब्‍द 12 - छठा व पंचम और जलील व ज़लील
बोलते शब्‍द 13 - तुल्‍य व बाहुल्‍य और दस व दसि‍यों
बोलते शब्‍द 14 - थामना व पकड़ना और ठोकर व टक्‍कर
बोलते शब्‍द 15 - ठूंसना व ठोस और दादा व भाई
बोलते शब्‍द 16 - दौर व दौरा और दि‍ल व मन   
बोलते शब्‍द 17 - धमकी व चेतावनी और नमस्‍ते व प्रणाम
बोलते शब्‍द 18 - नि‍लंबन व पदच्‍युति‍ और नेता व मंत्री
बोलते शब्‍द 19 - पति‍ व पत्‍नी और पका व पक्‍का
बोलते शब्‍द 20 -प्रयोग व उपयोग और फटना व फूटना  
बोलते शब्‍द 21 -फुट व लेडी और बधाई व धन्‍यवाद
बोलते शब्‍द 22 -बरामद व ज़ब्‍त और बवाल व बावला

हमारा संस्‍थान....लिबरा मीडिया ग्रुप.....
(आकाशवाणी, दूरदर्शन व मंच के कलाकारों का एक समूह)
 .......लिब्रा मीडिया ग्रुप एक ऑडियो व वीडियो प्रोडक्शन हाउस है जहाँ से तैयार रेडियो कार्यक्रम श्रृंखलाएं व विज्ञापन छत्तीसगढ़ के विभिन्न आकाशवाणी केन्द्रों से प्रसारित होते रहते हैं। जिनमें केयर के लिये ‘रचना’ धारावाहिक, नाइसटेक कंप्यूटर के लिये ‘कंप्यूटर मित्र’, औषधीय व सुंगधीय पौधों पर आधारित धारावाहिक ‘हर्बल हेल्प लाइन’, निर्मल गाँवों पर आधारित धारावाहिक ‘निर्मल चौपाल’ व ‘सुघ्घर आंगन’ 'ये गलि‍यां ये चौबारा' व 'अनमोल स्‍वाद सदा रहे याद', 'कैरि‍यर -2009' जैसे अनेक धारावाहिक शामिल हैं।
.....शासकीय योजनाओं पर आधारित करीब 20 लघुफिल्मों का निर्माण यहाँ से किया जा चुका है। प्राइवेट संस्थानों व अन्य के लिये भी अनेकानेक फिल्में, वृत्तचित्र व ऑडियो कार्यक्रम इस प्रोडक्शन हाउस में बने हैं।
......छत्तीसगढ़ के अंध-बधिर विद्यालयों के लिये कक्षा ग्यारहवीं व बारहवीं के कोर्स की ऑडियो सीडी हमारे उद्घोषकों द्वारा तैयार करके वितरित की जा चुकी हैं।
......लिब्रा मीडिया से जुड़े कलाकारों द्वारा दूरदर्शन रायपुर से टेलिफिल्मों ‘नहले पे दहला’, ‘कुछ गड़बड़ है’’, ‘कैसा ये बंधन अन्जाना’, ‘बदलते रिश्ते’, ‘जब कोई बात बिगड़ जाए’ आदि का  प्रसारण हो चुका है। शासकीय योजनाओं पर आधारित फिल्मों ‘आंचल’ ‘सपने हुये अपने’ आदि के साथ ही कुछ छत्तीसगढ़ी फिल्मों का अनुभव भी कलाकारों को है। रेडियो व दूरदर्शन के लोक कलाकार भी हमारे साथ जुड़े हुए हैं। इसके अलावा रंगमंचीय गतिविधियों में भी यहाँ से जुड़े लोग सक्रिय हैं तथा विभिन्न स्थानों पर प्रशिक्षण कार्यशालाओं का संचालन किया जा चुका है।
.....लिब्रा मीडिया ग्रुप से जुड़े लोगों में स्क्रिप्ट राइटर, गीत लेखक, डायरेक्टर, स्टेज-टी.वी.-रेडियो एनाउन्सर, अभिनेता, संगीत निर्देशक, वादक, नृत्य निर्देशक, नर्तक आदि हर विधा से जुड़े हुये लोग हैं जो बिलासपुर शहर व बाहर अपनी प्रस्तुतियाँ व प्रशिक्षण लगातार दे रहे हैं।
 

हमारा रंगमंच .....अग्रज नाट्य दल
(रंगमंचीय कलाकारों का एक समूह)
संस्था-परिचय......सन 1993 में जन्म लिया। अपनी रंगमंचीय सक्रियता के साथ आज ’अग्रज’ में 50 पुरूष और 20 महिला कलाकार हैं, जिसमें समाज के हर क्षेत्र के, हर वर्ग और उम्र के कलाप्रेमी, कलापारखी और थियेटर एक्टिविस्ट्स शामिल हैं। युवाओं के अघोषित प्रशिक्षण केंद्र के रूप में जानी जाने वाली संस्था का जुड़ाव  लगभग 150 बच्चों के साथ भी है।
अग्रज की रंगयात्रा.....
फंदी....बरगद बरगद कुत्ता .... कॉफी हाउस में इंतज़ार ......बोलता गधा (बच्चों द्वारा) खेल जारी है....वॉक आउट, ईट आउट, स्लीप आउट....हिरण्यकश्यप मर्डर केस.... नाटक जो नहीं हो सका (रेडियो नाटक) .... बाल संसद (बच्चों द्वारा) .... जियो और जीने दो (पर्यावरण संरक्षण)....मैरिज प्रपोज़ल .... महानिर्वाण....अंधे काने ....  लंबा मारग दूरी घर ....पाँच दशक पर राजा नंगा ....चंदा का फंदा  (रेडियो नाटक)    द बीयर .... चमकू ....  जलचक्कर.... एक था सूद एक थी सुरा.... खबसूरत बहू .......मंगल से महात्‍मा....... हरेली से होली.....पानी रे पानी.......                       

गतिविधियाँ
   ’नाट्य उत्सवों के आयोजन, जिसके अंतर्गत शहर व शहर के बाहर की टीमों आमंत्रित कर  प्रस्तुतियाँ दी गईं।....हिन्दी के अलावा बंगला, मराठी, छत्तीसगढ़ी, बुंदेलखंडी, अवधी व अंग्रेजी में नाटकों का मंचन।....हिन्दी भाषी लेखकों के अलावा बर्तोल्त ब्रेख्त, अंतोन चेखव, शेक्सपियर, आतमजीत, बसंत देव,  सतीश आलेकर, ओ.हेनरी आदि लेखकों के अनूदित नाटकों का मंचन।....कहानी के रंगमंच के अंतर्गत हरिशंकर परसाई, चेखव, प्रेमचंद आदि लेखकों की कहानियों पर मंचीय प्रस्तुति।....कविता का रंगमंच के अंतर्गत विभिन्न कविताओं की रंगमंचीय प्रस्तुति।....केन्द्रीय जेल में लंबी सजा काट रहे बंदियों के साथ विगत 6 वर्षों से कार्यशाला।.......एसईसीएल के छत्तीसगढ़ व म.प्र. स्थित 15 कोयला क्षेत्रों में शराब व सूदखोरी उन्मूलन पर आधारित नाटकों की प्रस्तुतियाँ।....पीएचई के लिये जल संरक्षण एवं संवर्धन पर नाट्य कार्यशालाएँ एवं छत्तीसगढ़ के विभिन्न क्षेत्रों में मंचन। एनटीपीसी कोरबा व सीपत के लि‍ये बच्‍चों की अनेक कार्यशालाएं व मंचन ....जयशंकर प्रसाद के नाटकों की कालिदास समारोह में प्रस्तुतियाँ। ....बाल रंग कार्यशाला के अंतर्गत ‘खिलखिलाहट’ का प्रतिवर्ष आयोजन। ....बाल श्रमिक विद्यालयों के साथ शैक्षणिक नाटकों की कार्यशाला एवं प्रदर्शन।



यदि आप अपनी कविताओं/गीतों/कहानियों को एक प्रोफेशनल आवाज़ में डब ऑडियो बुक के रूप में देखने का ख्वाब रखते हैं, डॉक्‍यूमेंटरीज या रेडि‍यो कार्यक्रम बनवाना चाहते हों तो हमसे संपर्क करें cgswar@gmail.com 
 ऑडि‍यो-वीडि‍यो मीडि‍या व रंगमंच की आपकी हर जरुरत के लिए हमारी टीम समर्पित है। 

  



Saturday, April 9, 2011

Bolte Shabd 22 Dr.Ramesh Chandra Mehrotra

आज के शब्‍द हैं - 'बरामद' व 'ज़ब्‍त‍' और 'बवाल' व 'बावला'......
आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........


आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा


43. 'बरामद' व 'ज़ब्‍त‍'......



44. 'बवाल' व 'बावला'......



Wednesday, April 6, 2011

Bolte Shabd 21 Dr.Ramesh Chandra Mehrotra

यदि‍ आपके मन में कोई और शब्‍द जोडा हो जि‍सका अंतर आप जानना चाहें तो हमें लि‍ख भेजें....भाषावि‍द् डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा आपकी भाषा संबंधी परेशानी का समाधान करेंगे.......

आज के शब्‍द हैं - 'फ़ुट ' व 'लेडी‍' और 'बधाई' व 'धन्‍यवाद'......

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा

41. 'फ़ुट ' व 'लेडी‍'......



42. 'बधाई' व 'धन्‍यवाद'......




Monday, April 4, 2011

Bolte Shabd 20 Dr.Ramesh Chandra Mehrotra

यदि‍ आपके मन में कोई और शब्‍द जोडा हो जि‍सका अंतर आप जानना चाहें तो हमें लि‍ख भेजें....भाषावि‍द् डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा आपकी भाषा संबंधी परेशानी का समाधान करेंगे.......


आज के शब्‍द हैं - 'प्रयोग‍ ' व 'उपयोग‍' और 'फटना' व 'फूटना'......

आमतौर पर हम एक समान अर्थों वाले या समान दीखने वाले शब्‍दों को समझने में कठि‍नाई महसूस करते हैं। भाषावैज्ञानि‍क दष्‍ि‍ट से उनके सूक्ष्‍म अंतरों का वि‍श्‍लेषण शब्‍दों के जोडों के रूप 'बोलते शब्‍द' (लेबल) के अंतर्गत पॉडकास्‍ट के रूप क्रमश: प्रस्‍तुत कि‍ये जा रहे हैं.........

आलेख - डॉ.रमेश चंद्र महरोत्रा
वाचक -संज्ञा

39. 'प्रयोग‍ ' व 'उपयोग‍'......


40. 'फटना' व 'फूटना'